Friday, February 3, 2012

Ae Nargis-e-Mastana

Movie: Aarzoo
Year: 1965
Music Director: Shankar-Jaikishan
Lyrics: Hasrat Jaipuri
Singer: Mohd. Rafi


ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
समझा हमें बेगाना
बस इतनी शिकायत है 
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना...

१.
हर राह पर टकराए, हर मोड़ पर घबराए
हर राह पर टकराए, हर मोड़ पर घबराए
मुंह फेर लिया तुमने हम जब भी नज़र आए
मुंह फेर लिया तुमने हम जब भी नज़र आए
हो हम को नहीं पहचाना
बस इतनी शिकायत है 
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना...

२.
हो जाते हो बरहम भी, बन जाते हो हमदम भी
ऐ साकी-ए-मैखाना, शोला भी हो, शबनम भी
ऐ साकी-ए-मैखाना, शोला भी हो, शबनम भी
हाय... खाली मेरा पैमाना
बस इतनी शिकायत है 
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना...

३.
हर रंग क़यामत है हर ढंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना, ये हुस्न की आदत है
दिल तोड़ के चल देना, ये हुस्न की आदत है
हाय आता नहीं बहलाना
बस इतनी शिकायत है 
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना

बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
समझा हमें बेगाना
बस इतनी शिकायत है 
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना...

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