Movie: Gazal
Year: 1964
Singer: Mohd. Rafi
Lyrics: Sahir Ludhianvi
Music: Madan Mohan
२.
३.
४.
Year: 1964
Singer: Mohd. Rafi
Lyrics: Sahir Ludhianvi
Music: Madan Mohan
रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हसीं रात किसे पेश करूँ.
१.
मैंने जज़्बात निभाये हैं उसूलों की जगह,
मैंने जज़्बात निभाये हैं उसूलों की जगह,
अपने अरमान पिरो लाया हूँ फूलों की जगह,
तेरे सेहरे की ये सौगात किसे पेश करूँ.
२.
ये मेरे शेर मेरे आख़री नज़राने हैं,
मैं उन अपनों में हूँ जो आज से बेगाने हैं,
बे-ताल्लुक सी मुलाक़ात किसे पेश करूँ.
३.
सुर्ख जोड़े की तब-ओ-ताब मुबारक हो तुझे,
तेरी आँखों का नया ख़्वाब मुबारक हो तुझे,
मैं ये ख्वाहिश ये ख़यालात किसे पेश करूँ.
४.
कौन कहता है कि चाहत पे सभी का हक़ है,
तू जिसे चाहे तेरा प्यार उसी का हक़ है,
मुझसे कह दे मैं तेरा हाथ किसे पेश करूँ.
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